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09 June 2014

सपने हैं

उभरती हुई सूरज की किरणों में
आशा भरी हर एक लड़की की आँखों में
ओस की बूंदों की चमक में
हर नदी की ऊर्जा भरी लहर में
दौड़ते हुए बच्चों की खेल में
अन्नदाता किसानो की पसीना में
सपने हैं सपने हैं..
गैर लोगों से क्या लेना,
स्वशक्ति से है दिखाना
हर एक भारतीय की निष्ठा से
कर्म योगी महानेता की प्रेरणा से
हम सब लायेंगे अछे दिन,
निभाएंगे अखंड भारत की सच्चे वादे

सपने हैं सपने हैं..
सपने हैं सपने हैं..

-अनिल कुमार रेड्डी